In this post, I am sharing 10 lines short stories with morals in Hindi for adults and kids which are very interesting, and valuable. These short moral stories in Hindi , short stories in hindi, 10 line story in hindi with moral values will help you and your kids to teach life lessons, give knowledge, understand the world, and spread a smile on your face.
10 lines short stories with moral in Hindi
इस पोस्ट में, मैं बच्चों और वयस्कों के लिए हिंदी में 10 पंक्तियों की छोटी नैतिक कहानियां साझा कर रही हूँ जो बहुत ही रोचक और मूल्यवान हैं। हिंदी में ये लघु नैतिक कहानियाँ आपको और बच्चों को जीवन का पाठ पढ़ाने, ज्ञान देने, दुनिया को समझने और आपके चेहरे पर मुस्कान बिखेरने में मदद करेंगी।
10 lines short stories with moral in Hindi यहाँ प्रस्तुत
हैं :
1. ईमानदार लकड़हारा
short stories in hindi with moral values
- एक लकड़हारा एक दिन पेड़ काट रहा था, तभी उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई।
- लकड़हारा बहुत दुखी हुआ और रोने लगा।
- नदी के देवता ने उसे सुना और मदद की पेशकश की।
- देवता ने उसे एक सोने की कुल्हाड़ी दी, लेकिन लकड़हारे ने कहा कि यह उसकी नहीं है।
- देवता ने उसे एक चांदी की कुल्हाड़ी दी, लेकिन लकड़हारे ने फिर से मना कर दिया।
- देवता ने उसे एक लोहे की कुल्हाड़ी दी, जो उसकी ही थी।
- लकड़हारे की ईमानदारी से देवता बहुत प्रसन्न हुए।
- देवता ने उसे सोने और चांदी की कुल्हाड़ियाँ भी दे दीं।
- लकड़हारा बहुत खुश हुआ।
- वह कुल्हाड़ियों को लेकर अपने घर वापस चला गया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा ईमानदार रहना चाहिए। ईमानदारी से हम हमेशा सफल होते हैं।
2. चिड़िया और गिलहरी
- एक बार की बात है, एक नन्ही चिड़िया एक ऊंचे पेड़ पर अपना घोंसला बना रही थी।
- उसने बड़े ही ध्यान से घास, पत्ते और टहनियां इकट्ठी कीं और एक सुंदर घोंसला बनाया।
- उसी पेड़ पर एक बड़ी गिलहरी रहती थी ।
- गिलहरी ने चिड़िया का घोंसला देखा। गिलहरी बोली , “यह घोंसला तो मेरा होगा!” चिड़िया डर गई, उसने कहा, “नहीं, यह मेरा घोंसला है, मैंने मेहनत से बनाया है।”
- गिलहरी हंसी और कहा, “तुम छोटी सी चिड़िया, मैं बड़ी गिलहरी, यह घोंसला मेरा ही होगा!”
- चिड़िया ने कहा, “ठीक है, लेकिन पहले एक खेल खेलते हैं। हम दोनों जंगल में सबसे ज्यादा फल ढूंढेंगे, जो ज्यादा ढूंढेगा, घोंसला उसका होगा।”गिलहरी मान गया।
- वे दोनों जंगल में भागे और फल ढूंढने लगे।
- चिड़िया छोटी थी, लेकिन वो तेज थी और जल्दी-जल्दी फल ढूंढती गई। गिलहरी बड़ी थी , लेकिन आराम से फल खाती गयी ।
- अंत में, जब दोनों वापस आए तो चिड़िया के पास ज्यादा फल थे। गिलहरी को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने माफी मांगी और चिड़िया को उसका घोंसला वापस कर दिया।
- चिड़िया खुश हो गई और उसने गिलहरी को भी अपने घोंसले में रहने का न्यौता दिया। वे दोनों अच्छे दोस्त बन गए और खुशी से रहने लगे।
सीख:
- मेहनत करने से सफलता मिलती है।
- छोटे भी बड़ों को हरा सकते हैं, अगर वे होशियार और मेहनती हों।
- माफी मांगना और गलती सुधारना अच्छा होता है।
1. एक अकेला हाथी एक नए जंगल में आता है।
2 . वह अकेला होने के कारण दुखी होता है और नए दोस्त बनाना चाहता है।
3. वह कभी खरगोश के पास तो कभी चूहे के और कभी बन्दर के पास जाता है।
4. वह दोस्त बनाने की कोशिश करता है।
5. सभी जानवर उसके बड़े आकार के कारण उसके दोस्त बनने से मना कर देते हैं।
6. एक दिन, जंगल का शेर शिकार पर निकलता है और सभी जानवरों को डराता है।
7 . सभी जानवर डर के कारण इधर उधर भागने लगते हैं।
8. हाथी शेर को रोकने के लिए सामने आता है और उसे धक्का दे देता है।
9 . शेर भाग जाता है और सभी जानवर हाथी को धन्यवाद देते हैं।
10 . हाथी अब सभी जानवरों का दोस्त बन जाता है।
सीख:
- अपनी विशिष्टता को अपनी ताकत बनाना चाहिए।
- दूसरों की मदद करना हमेशा अच्छा होता है।
- दोस्ती का कोई आकार नहीं होता है।
4.राजा और बन्दर
1.एक राजा को पशु – पक्षियों को पालने का बहुत शौक था। उसने एक बंदर भी पाल रखा था।
2.राजा के मंत्रियों ने एकाध बार राजा को समझाया भी था कि राजा उस बन्दर से दूर रहे।
3.उन्होंने कहा बन्दर में अकल बहुत कम होती है अतः वह बंदर कभी भी राजा को हानि पहुँचा सकता है।
4.पर राजा ने किसी की एक न सुनी। वह बंदर भी समझदार और स्वामिभक्त था।
5. एक दिन राजा को नींद आ गयी। तो बंदर राजा को हवा करने लगा।
6. बंदर को पंखा झलते देख मंत्रीगण और
नौकर चाकर सभी चकित रह गए।
7.बंदर ने देखा कि एक मक्खी बार बार उड़ कर राजा की नाक पर बैठ रही है।
8. बंदर ने कई बार मखी को उड़ाने का पर्यटन किया पर हर बार वह राजा की नाक पर बैठ जाती।
9. क्रोध मे आकर बंदर ने तलवार निकाल ली और जैसे ही मक्खी राजा की नाक पर बैठी।
10. बंदर ने उस पर तलवार से वार किया ।मक्खी तो उड़ गयी पर राजा की नाक कट गयी।
5. मेंढकों की कहानी
1. एक बार मेंढकों का एक दल जंगल में पानी की तलाश में घूम रहा था।
2. अचानक, समूह में दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर गए।
3. गड्ढा बहुत गहरा था और अन्य मेंढक अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे।
4. उन्होंने दो मेंढकों से कहा कि गड्ढे से बाहर निकलना असंभव है और कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।
5. वे लगातार उन्हें हतोत्साहित करते रहे और दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश करते रहे।
6. जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास करना शुरू कर दिया और हार मान ली।
7. दूसरा मेंढक अपनी कोशिश जारी रखता है और आखिरकार गड्ढे से बाहर निकल जाता है।
8. अन्य मेंढक हैरान थे और उसे पूछा कि उसने ऐसा कैसे किया।
9. दूसरा मेंढक बहरा था और उसने दूसरे मेंढकों के शोर को नहीं सुना था।
10. उसने सोचा कि वे उसे प्रोत्साहित कर रहे हैं और उसे कूदने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।
सीख:
- दूसरों की राय आपको तभी प्रभावित करेगी जब आप उस पर विश्वास करेंगे।
- खुद पर विश्वास करें और कभी हार न मानें।
- सफलता आपके कदम चूमेगी।
6. व्यापारी और उसके गधे की कहानी
1. एक नमक बेचने वाला रोज अपने गधे पर नमक की थैली लेकर बाजार जाता था।
2. रास्ते में उन्हें एक नदी पार करनी पड़ती थी ।
3. एक दिन नदी पार करते वक्त, गधा अचानक नदी में गिर गया और नमक की थैली भी पानी में गिर गई।
4. चूँकि नमक से भरा थैला पानी में घुल गया और इसलिए थैला ले जाने के लिए बहुत हल्का हो गया।
5. गधे को यह देखकर खुशी हुई और वह रोज वजन से बचने के लिए वही चाल चलने लगा।
6. नमक बेचने वाले को गधे की चाल समझ में आ गई और उसने उसे सबक सिखाने का फैसला किया।
7. अगले दिन उसने गधे पर रुई से भरा थैला लाद दिया।
8. अब गधे ने फिर से वही चाल चली, लेकिन रुई (कपास) गीली होकर ले जाने के लिए बहुत भारी हो गयी ।
9. अब गधे के लिए नदी से निकलना मुश्किल हो गया। गधे को नुकसान उठाना पड़ा और उसने सबक सीखा।
10. उस दिन के बाद उसने कोई चाल नहीं चली और नमक बेचने वाला खुश था।
सीख:
- भाग्य हमेशा साथ नहीं देता है, हमेशा हमें अपनी बुद्धि का भी इस्तेमाल करना चाहिए।
- दूसरों को धोखा देना कभी भी सही नहीं होता है।
- गलतियों से सीखना और उनसे सुधार करना ही जीवन का सबसे बड़ा गुण है।
7. चट्टान की कहानी
1. एक राजा ने जानबूझकर एक बड़ा सा चट्टान रास्ते में रखवा दिया।
2. राजा देखना चाहता था की आखिर कौन वो चट्टान रास्ते से हटाता है।
3. रास्ते से बहुत से लोग आने जाने लगे लेकिन किसी ने भी उस चट्टान को हटाना ठीक नहीं समझा।
4. यहां तक की राजा के दरबार के ही बहुत से मंत्री और धनी व्यापारी भी उस रास्ते से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उसे हटाना ठीक नहीं समझा।
5. किसान सब्जियों का भार लेकर आया।
6. किसान ने अपना बोझ नीचे रखा और पत्थर को सड़क से बाहर धकेलने का प्रयास किया।
7. काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उसे सफलता मिली।
8. किसान ने अपनी सब्जियां लेने वापस गया, तो उसने देखा कि सड़क पर एक पर्स पड़ा था।
9. पर्स में कई सोने के सिक्के और राजा का एक नोट था।
10. नोट में लिखा था कि सोना उस व्यक्ति के लिए था जिसने सड़क से चट्टान को हटाया था।
सीख:
- जीवन में हमारे सामने आने वाली हर बाधा हमें अपनी परिस्थितियों को सुधारने का अवसर देती है।
- आलसी शिकायत करते हैं, दूसरे अपने दयालु हृदय, उदारता और काम करने की इच्छा के माध्यम से अवसर पैदा करते हैं।
- मेहनत और दृढ़ संकल्प से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
8.शरारती लड़का
- एक गांव का लड़का भेड़ चरा रहा था। वह बहुत ही शरारती था।
- उसने शरारत करने के उद्देश्य से झूठ बोल दिया, ” भेड़ियों का हमला हो गया है ! तुरंत आओ!” घबराए ग्रामीण भागे आए।
- लेकिन वहां कोई भेड़िया नहीं था। लड़का हंसने लगा , इससे ग्रामीण नाराज हुए।
- सख्ती से उन्होंने कहा, “फिर ऐसा मत करना।”
- थोड़ी देर बाद लड़के ने फिर वही अफवाह उड़ाई। पर इस बार भी ग्रामीणों को मूर्ख बनाने में सफल नहीं हुआ।
- बाद में असली में एक भेड़िया आया। लड़का डर से कांपा और मदद के लिए पुकारा , लेकिन अब कोई नहीं आया।
- सब सोचने लगे कि यह उसकी एक और चाल होगी।
- शाम को भेड़ न लौटने पर ग्रामीण लड़के को ढूंढने निकले। उन्होंने उसे रोते हुए पाया।
- उसने सबको सच बताया, कि भेड़ों को भेड़िया ले गया।
- एक बूढ़े ने उसे समझाया, “झूठ बोलने वाले की सच्ची बात भी कोई नहीं मानता।”
सीख:
झूठ विश्वास तोड़ता है। सच बोलने की आदत डालो, तभी लोग आपकी बात पर यकीन करेंगे।
9. किसान का कुआँ
- एक किसान ने अपने एक पड़ोसी व्यक्ति से खेत सींचने के लिए कुआं खरीदा ।
- उस पड़ोसी ने कुआं तो बेचा, पर पानी लेने से उसे यह कहकर रोक दिया कि मैंने तुम्हे कुआँ बेचा है, उसका पानी नहीं ।
- किसान न्याय के लिए बादशाह के पास गया।
- दरबारी ने उस पड़ोसी से पूछा, की क्या कोई कुएँ को पानी से अलग कर सकता है?
- वह व्यक्ति बोला की मैंने तो कुआं ही बेचा है , उसका पानी नहीं। में पानी नहीं दूंगा।
- यह सब राजा सुन रहा था। राजा ने सारा मामला सुनकर फैसला सुनाया।
- यदि पानी तुम्हारा है तो तुम कुएं में अपना पानी नहीं रख सकते।
- राजा ने उस व्यक्ति से कहा , “या तो तुरंत सारा पानी निकाल ले, नहीं तो कुएं का किराया दे!”
- व्यक्ति को राजा की तरकीब समझ में आ गयी।
- चाल समझ आते ही पड़ोसी शर्मिंदा हुआ, माफी मांगकर चला गया। किसान को उसका कुआं वापस मिल गया।
सीख:
धोखाधड़ी से कुछ नहीं मिलता। ईमानदारी का रास्ता अपनाओ, सफलता मिलेगी।
10. अच्छे काम का अच्छा फल
- एक गरीब लड़का अखबार बेचकर पढ़ाई का खर्च जुटाता था।
- एक दिन भूख से बिलबिलाता वो हर घर से खाना मांग रहा था , मगर हर बार उसे मना कर दिया जाता।
- तभी एक घर पर एक लड़की ने दरवाजा खोला।
- लड़के ने उससे कुछ खाने को माँगा। उस लड़की ने बिना पैसे लिए उसे दूध का गिलास दिया।
- कई सालों बाद, वो लड़की बीमार पड़ गई।
- कोई डॉक्टर मदद करने को तैयार नहीं था।
- आखिर में वो शहर के सबसे महंगे डॉक्टर के पास गई।
- डॉक्टर ने उसे महीनों इलाज दिया, हालांकि वो उसकी फीस नहीं भर सकती थी।
- फिर भी जब उसने बिल माँगा , तो उसमे लिखा था – “दूध के एक गिलास से पूरा भुगतान पहले ही हो चुका है ।”
- उस लड़की का इलाज करने वाला डॉक्टर वही लड़का था , जिसकी उस लड़की ने दूध पिलाकर मदद की थी।
सीख:
अच्छे काम का कभी-न-कभी फल मिलता है। हर किसी की मदद करो, भले ही वो छोटी क्यों न हो।
11. शेर और चूहा
1. एक घने जंगल में एक ताकतवर शेर रहता था। वह जंगल का राजा था और बड़े से बड़े जानवर उससे डरते थे।
2. एक दिन, शेर आराम से सो रहा था, वहां तभी एक चूहा शेर के ऊपर चढ़कर मस्ती करने लगा।
3. शेर गुस्से में दहाड़ते हुए उठ गया और चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर गया, परन्तु अपनी हिम्मत जुटाकर बोला, “मुझे छोड़ दो, एक दिन मैं भी तुम्हारे काम आऊंगा।”
4. शेर हंसा और बोला, “तू मुझसे छोटा है, तू मेरे क्या काम आएगा ?”
5. हँसते हुए शेर ने चूहे को छोड़ दिया।
6. कुछ दिनों बाद, जंगल में एक जाल बिछा हुआ था। शेर शिकार की तलाश में भाग रहा था और उसी जाल में फंस गया।
7. शेर जाल में फंसकर तड़प रहा था। उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था।
8. अचानक, वही चूहा पास से गुजरा। शेर ने सहायता के लिए चूहे से गुहार लगाई।
9. चूहा शेर की बात सुनकर जाल के रस्सियों को कुतरने लगा।
10. धीरे-धीरे, रस्सियां कट गईं और शेर जाल से मुक्त हो गया। शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया।
सीख:
- छोटे की भी मदद करनी चाहिए, क्योंकि कभी पता नहीं वह कब काम आए।
- हर किसी में कोई न कोई खासियत होती है। कभी किसी छोटा नहीं समझना चाहिए।
- अपनी ताकत का इस्तेमाल दूसरों की मदद के लिए करना चाहिए।
12. बदसूरत बत्तख़
- एक झील के किनारे एक बत्तख़ के अंडे फूटे, उसमें से सब बच्चे सुंदर निकले मगर एक बच्चा भद्दा और भूरा था।
- दूसरे बत्तख़ के बच्चे उसे “बदसूरत” कहकर चिढ़ाते, वह दुखी होता।
- उसने दुखी होकर एक दिन अपना परिवार छोड़ दिया , वह डर और भूख से तड़पता अकेला रह गया।
- वह डर के कारण एक खलिहान में छिप गया , सुबह उड़ने की कोशिश करने लगा।
- वहां पास ही एक झील थी , परन्तु उसके कमजोर पंखों से वह झील तक नहीं पहुंच पाया।
- वह धीरे धीरे बड़ा हो रहा था। .उसके पंख सफेद और लंबे हो गए थे , चोंच छोटी और सुंदर, अब वह हंस बन चुका था।
- एक दिन हवाओं से लड़ता हुआ मीलों दूर एक सुनसान झील पर पहुंचा, वहाँ सफेद हंस तैर रहे थे।
- झील के पास पहुंचकर उसने खुद की परछाईं पानी में देखी।
- उसे समझ आ गया की वह बिलकुल उन हंसों जैसा था जो उसके सामने तैर रहे थे।
- वह डरते हुए उनके पास गया। हंसों ने उसे अपने झुंड में शामिल कर लिया। अपनी सही जगह पाकर अब वह खुश था।
सीख : सब अलग होते हैं, किसी को चिढ़ाना नहीं चाहिए , मुश्किलों से ही आपको असली पहचान मिलती है।
13.सबसे पहले खुद को बदलिए न की दुनिया को Short moral stories
बहुत समय पहले एक राजा था । जिसके राज्य में हर कोई खुश था । राज्य का प्रत्येक व्यक्ति खुशहाल व समृद्ध जीवन जी रहा था । एक बार राजा ने निर्णय किया कि वह राज्य में जाकर ऐतिहासिक व धार्मिक स्थानों पर भ्रमण करेगा । उसने पैदल चलकर भ्रमण करने का निर्णय किया । ताकि वह लोगों के पास जाकर उनसे बात कर सके और यदि उनको कोई समस्या हो तो दूर कर सकें ।
राजा का यह यह फैसला सुनकर सारे राज्य की जनता अपने राजा की सराहना करने लगी । राजा भ्रमण के लिए निकल गया । कई हफ्तों तक भ्रमण किया और लंबे भ्रमण के बाद महल वापस लौट आया । उसे राज्य में सब कुछ ठीक लगा । वह अपने राज्य की खुशहाली देखकर बहुत खुश और संतुष्ट था । लेकिन एक समस्या जो उसे बहुत सता रही थी । वह यह कि उसके पैरों में बहुत दर्द होने लगा था , क्योंकि उसने पहली बार इतनी लंबी यात्रा पैदल की थी ।
इसलिए उसके पैर असहनीय दर्द कर रहे थे । उसने अपने मंत्रियों को बुलाया और उनसे शिकायत की , कि हमारे राज्य की सड़कें बहुत खराब है । हर तरफ पत्थर ही पत्थर हैं । उनकी वजह से मेरे पैरों में असहनीय दर्द हो रहा है । जब मैं इतना परेशान हूं तो मेरे राज्य की जनता तो रोज सड़कों पर चलती है। उनको कितनी परेशानी होती होगी ? इन सब बातों को ध्यान रखते हुए उसने आदेश दिया कि सभी सड़कों को चमड़े से ढक दिया जाए । ताकि लोगों को पैदल चलने में परेशानी ना हो ।
ऐसा अनोखा आदेश सुनकर सभी मंत्री स्तब्ध रह गए । सभी सड़कों को ढकने के लिए चमड़ा कहां से आता और पैसा भी अधिक लगता । यह सब सोचकर सब परेशान थे कि कैसे होगा ?
तभी एक बुद्धिमान व्यक्ति मंत्रिपरिषद में से निकल कर आया और बोला , कि महाराज इसके अलावा भी एक रास्ता है । वह यह कि क्यों ना हम सड़कों को चमड़े से ढंकने की बजाय लोगों के पैरों को चमड़े से ढक दें ।उनके नाप का चमड़ा काटकर उनके पैर ढक दिए जाएं ताकि इन सब फिजूलखर्ची से बच सकें । उस मंत्री की बुद्धिमानी पर लोगों ने तालियां बजाईं और राजा भी खुश हो गया । अब राजा ने अपने लिए भी जूता बनवाया और राज्य में सभी को जूता पहनने का आदेश दिया ।
10 lines short stories with moral in hindi से शिक्षा –
अगर हम दुनिया में सब को सुधारने की या सबको बदलने की कोशिश करेंगे तो कुछ भी नहीं बदल पाएंगे इसलिए सबसे पहले खुद को बदलिए ।
14. 17 भेड़ और 3 बेटे short story in Hindi
एक बार एक गड़रिया था। उसके 3 बेटे थे । उसके पास 17 भेड़े थीं। वह भेड़ों से ही अपना गुजारा करता था । लेकिन अब वह बूढ़ा हो चला था । एक दिन अचानक से ही उसकी मृत्यु हो गई और वह अपने तीनों बेटों के लिए एक वसीयत छोड़ गया । जिस वसीयत में केवल तीनों भेड़ों का बंटवारा था । क्योंकि उसके पास देने को भेड़ों के अलावा और था।
अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद उसके बेटे जब वसीयत पढ़ने बैठे तो उन्होंने देखा कि वसीयत में 17 भेड़ों का बंटवारा था । उनके पिता ने तीनों भेड़ों को कुछ अलग तरीके से ही बांटा था । तीनों को बराबर हिस्सा न मिलकर अलग अलग हिस्सा मिला था । क्योंकी 17 भेड़ों को बराबर बांटना असंभव था । तो वसीयत में बड़े बेटे को 17 का आधा हिस्सा 1/2 , मंझले को एक तिहाई 1 / 3 और सबसे छोटे को 1/9 हिस्सा मिला था ।
तीनों समझ ही नही पा रहे थे कि कैसे बंटवारा करें । काफी दिनों तक सोचने पर भी कोई उपाय नहीं सूझा।
अब यह मामला पंचायत में पहुंचा । एक पांच बहुत ही बुद्धिमान था । उसने उनसे सारी भेड़े लाने को कहा ।
अगले दिन जब वे सारी भेड़े ले आए तो उसने अपनी एक भेड़ को भी उनमें मिला दिया ।
अब ये 18 भेड़े हो गई । अब उसने बड़े को ½ हिस्सा यानी 9 भेड़े दे दीं। मंझले को उसका ⅓ यानी 6 भेड़े दे दीं । अब 9और 6 भेड़े मिलकर 15 भेड़ हो गईं । सबसे छोटे के लिए 17 में से 2 भेड़े बची । जो उसे दे दी । अब आखिरी भेड़ जो उसकी थी उसने वापस ले ली ।
इस तरह उस बुद्धिमान व्यक्ति ने अपनी समझदारी से तीनों भाइयों में भेड़ों का बंटवारा कर दिया ।
Short story in Hindi से शिक्षा :
जीवन में कोई भी मुश्किल ऐसी नहीं है जिसका समाधान न किया जा सके ।
read this also : 3 Best Motivational story in Hindi 2022
15. मुश्किलें और हम story in hindi with moral
- एक बार एक बार एक मोटिवेशनल स्पीकर का शो चल रहा था ।
- शो के दौरान स्पीकर ने हाथ में ₹300 का बिल दिखाया और सभी श्रोताओं से पूछा कि “कौन इस बिल को भरना चाहता है?”
- सभी ने अपना सिर नींद ना मैं हिला दिया।
- अब वक्ता ने rs.1000 का नोट निकाला और हवा में लहराते हुए बोला कि “यह ₹1000 का नोट उसे मिलेगा जो यह बिल भरेगा ।”
- इस बार सब ने हाथ ऊपर कर दिया ।
- यह देखकर वक्ता ने ₹1000 का नोट जमीन पर गिरा दिया और जमीन पर अच्छे से रगड़ दिया ।
- अब वह नोट गंदा हो चुका था ।
- अब वक्ता ने फिर पूछा कि “यह नोट किस-किस को चाहिए ?” तब फिर से सबके हाथ ऊपर उठ गए ।
- तब वक्ता ने कहा कि आप सभी इस ₹1000 के नोट को गंदा होने के बाद भी पाना चाहते हैं , क्योंकि यह नोट भले ही गंदा हो गया हो पर इसकी कीमत अभी भी ₹1000 ही है ।
- उसी तरह हमारे जीवन में अनेकों मुश्किल आती है पर हम उन से लड़ते रहते हैं ।
story in hindi with moral से सीख :
कई बार लोग मुश्किलों से हार मानकर अपनी value उसको बैठते हैं । अपने सोचने समझने की शक्ति और आत्मविश्वास को खो बैठते हैं । हमें सदैव याद रखना चाहिए कि जिस तरह नोट गंदा होने के बाद भी अपनी वैल्यू नहीं खोता । उसी प्रकार चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाएं , हमें कभी भी अपने संस्कारों और हौसले को नहीं खोना चाहिए । अपने values के साथ समझौता नहीं करना चाहिए ।
read more :