इस लेख 10 Majedar Kahaniya में, हम 10 मजेदार कहानियां लाए हैं, जो न केवल आपको मनोरंजन प्रदान करेंगी, बल्कि आपको जीवन की महत्वपूर्ण सीख भी देगी।
बच्चों के लिए मजेदार कहानियां पढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है। इन कहानियों से बच्चे हंसते-खिलखिलाते कब बहुत कुछ सीख जाते हैं पता ही नहीं चलता। बच्चों को ये मजेदार कहानियां बहुत कुछ अच्छा सिखाने में मदद मिलती है जैसे कि किसी भी काम को उत्सुकता के साथ करना चाहिए। हमें समाज में कैसा व्यवहार करना चाहिये।
बच्चों के लिए जादुई मजेदार कहानियां न केवल मनोरंजन कराती हैं, बल्कि उनके सार्वभौमिक विकास में भी मदद करती हैं। इस दौर में, बच्चों को हमेशा आगे बढ़ने का दबाव होता है, और उनका बचपन खोते जा रहा है।लेकिन ऐसी मजेदार कहानियां उन्हें खुलकर हंसने का मौका देती हैं।
इसलिए हम यहां छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां संग्रह लाए हैं। ये रोचक कहानियां पढ़कर बच्चे हँसते हँसते अनेक शिक्षाएं सीख सकते हैं, जिन्हे अपने जीवन में अपनाकर एक समझदार नागरिक बन सकते हैं।
आप इन मजेदार स्टोरी इन हिंदी कहानियों के माध्यम से अपने बच्चों को प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें सकारात्मकता की ओर बढ़ने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं। इसके अलावा, इन कहानियों के जरिए आप अपने बच्चों के साथ बेहतर तालमेल बना सकते हैं और माता पिता उनके साथ उनके बचपन को यादगार बना सकते हैं।
बच्चों की 10 मजेदार कहानियां | 10 Majedar Kahaniya
1.जादुई छाता
कहानी का परिचय
यह जादुई मजेदार कहानियां माया नाम की एक युवा लड़की की है, जिसे एक बरसात के दिन, उसे अपनी अटारी में एक रहस्यमयी छाता मिला। उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि इस साधारण दिखने वाली वस्तु में जादुई शक्तियां हैं। जैसे ही उसने इसे खोला, वह एक जादुई देश में पहुँच गई। क्या वह घर वापस आने का रास्ता खोज पाएगी? जानने के लिए यह मनमोहक कहानी पढ़ें!
जादुई छाता | जादुई मजेदार कहानियां
एक समय की बात है, माया नाम की एक युवा लड़की थी। वह एक छोटे से गाँव में रहती थी और वह बहुत ही साहसी और जिज्ञासु थी। एक दिन, जब माया अपनी अटारी में पुराने सामान को साफ कर रही थी, तो उसे एक रहस्यमयी छाता मिला। छाता बहुत पुराना और क्षतिग्रस्त था, लेकिन माया को लगा कि इसमें कुछ खास है।
एक बरसात के दिन, माया ने उस छाते का इस्तेमाल करने का फैसला किया। जैसे ही उसने इसे खोला, वह एक जादुई देश में पहुँच गयी । यह एक अद्भुत जगह थी जहाँ बात करने वाले जानवर, परियाँ और रहस्यमय प्राणी मौजूद थे। माया को यह सब देखकर बहुत खुशी हुई, लेकिन वह थोड़ी सी डरी हुई थी।
माया ने जल्द ही पता चल गया कि वह इस जादुई देश में फंस गई है। उसे घर वापस जाने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। उसका जादुई छाता भी गायब हो जाता है। अब वह यह सोचकर घबरा जाती है कि वह अब जाएगी ?
तभी उसके सामने एक खूबसूरत और बुद्धिमान परी प्रकट हो गयी। उसने उस अपने बारे कुछ बताया की वह वहां कैसे आ गयी है और अब उसे मदद की जरूरत है। उसने उस परी से सलाह ली, उस परी ने माया को एक चुनौतीपूर्ण यात्रा पर जाने का उपाय सुझाया। जहाँ उसे खतरनाक राक्षसों से लड़ना पड़ेगा , जटिल पहेलियों को हल करना पड़ेगाऔर रहस्यमय रहस्यों को सुलझाना पड़ेगा ।
बिना कुछ सोचे माया इस कठिन यात्रा पर निकल गयी। उसे यात्रा के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा । एक दिन, माया एक रहस्यमय महल में प्रवेश करती है। महल में एक गुप्त रास्ता है जो उसे एक रहस्यमय कमरे में ले जाता है। कमरे में माया को एक प्राचीन जादू की पुस्तक मिलती है। पुस्तक में एक जादू का मंत्र है जो उसे जादुई छाते को वापस पाने में मदद कर सकता है। वह उस मन्त्र को याद कर लेती है। अब वह आगे बढ़ती है।
अगले दिन, माया को एक खूबसूरत परी मिलती है। परी का नाम रिया है। रिया भी माया के जैसे ही चुनौतियों का सामना करना पसंद करती है। रिया और माया एक-दूसरे के मित्र बन जाते हैं। रिया उसे एक जादुई छड़ी देती है जिससे वह किसी को भी गायब कर सकती है। परन्तु इस छड़ी का प्रयोग वह केवल एक बार कर सकती है। अब माया आगे बढ़ती है।
यात्रा के दौरान, एक दिन वह एक गुफा में फंस जाती है। जहाँ एक खतरनाक राक्षस रहता है। उसे राक्षस का सामना करना पड़ता है। माया अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके राक्षस को हराने की कशिश करती है पर वह नहीं कर पाती। तभी उसे उस जादुई छड़ी की याद आती है जो रिया ने उसे दी थी। वह उस छड़ी का प्रयोग करती है और रक्षास को गायब कर देती है और गुफा से बाहर निकलने में सक्षम हो जाती है ।
माया को गुफा से बहार निकलते ही एक बोलने वाली चिड़िया मिलती है , वह चिड़िया उसे एक जादुई पेड़ के पास ले जाती है। उस पेड़ से सच्चे दिल से जो भी मांगो मिल जाता है। माया जादुई छाते को वापस पाने की इच्छा करती है। वह पेड़ से जैसे ही छाता मांगती है, उसके सामने वही छाता आ जाता है। वह छाते को पाकर पेड़ को धन्यवाद करती है क्यूंकि अब वह उस छाते का इस्तेमाल करके घर वापस लौट सकती है।
जादुई मजेदार कहानियां की सीख
माया ने अपनी साहसिक यात्रा से बहुत कुछ सीखा। उसने सीखा कि साहस और दृढ़ संकल्प से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। उसने यह भी सीखा कि दूसरों की मदद करना और अच्छाई करना हमेशा सही होता है। उसने यह भी सीखा कि प्यार और मित्रता जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं।
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2.बुद्धिमान लड़का
कहानी का परिचय
एक शांत गाँव में गुरु नाम का एक बुद्धिमान लड़का रहता था। एक दिन, गाँव वाले भयंकर सूखे से घिर गए और फसलें सूख गईं। ग्रामीणों ने गुरु से सलाह मांगी और उन्होंने उन्हें एक छिपे हुए नखलिस्तान के बारे में बताया जो उनके गांव को बचा सकता था। यह हृदयस्पर्शी कहानी हमें धैर्य, दृढ़ता और पुरस्कार का मूल्य सिखाती है ।
बुद्धिमान लड़का | मजेदार स्टोरी इन हिंदी
एक समय की बात है, एक शांत से गाँव में गुरु नाम का एक बुद्धिमान लड़का रहता था। वह बहुत ही बुद्धिमान और दयालु था और गाँव वालों का मार्गदर्शक था। एक दिन, गाँव वालों को भयंकर सूखे से सामना करना पड़ा। फसलें सूख गईं और जानवरों को पानी नहीं मिला। ग्रामीण बहुत चिंतित थे। उन्होंने गुरु से सलाह मांगी।
गुरु ने कहा, “मैं तुम्हें एक छिपे हुए नखलिस्तान के बारे में बताता हूँ। यह नखलिस्तान तुम्हारे गांव को बचा सकता है।””लेकिन यह नखलिस्तान कहाँ है?” एक ग्रामीण ने पूछा। “यह एक खतरनाक पहाड़ की चोटी पर स्थित है,” गुरु ने कहा। “हालांकि, अगर तुम दृढ़ संकल्पित हो, तो तुम इसे पा सकते हो।”
ग्रामीणों ने गुरु की सलाह मानी और एक चुनौतीपूर्ण यात्रा पर निकल पड़े। वे पहाड़ की चोटी पर चढ़ने लगे। रास्ते में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्हें गर्म धूप, भूख और प्यास का सामना करना पड़ा। कई ग्रामीण थक गए और पीछे हट गए। लेकिन कुछ ग्रामीण दृढ़ रहे। वे लगातार चढ़ते रहे।
अंत में, वे पहाड़ की चोटी पर पहुँच गए। वहाँ उन्होंने एक सुंदर नखलिस्तान देखा। नखलिस्तान में ताज़ा पानी और हरियाली थी। ग्रामीणों ने खुशी से नखलिस्तान में छलांग लगा दी। उन्होंने पानी पिया और ताजी हवा में सांस ली।ग्रामीणों ने गुरु को धन्यवाद दिया। गुरु ने कहा, “धैर्य और दृढ़ता के साथ, तुम कुछ भी हासिल कर सकते हो।”
ग्रामीण नखलिस्तान से पानी लेकर अपने गांव लौट आए। उन्होंने फसलों को पानी दिया और जानवरों को पानी पिलाया। सूखा खत्म हो गया और गाँव में खुशहाली लौट आई।
मजेदार स्टोरी इन हिंदी से सीख
यह कहानी हमें धैर्य, दृढ़ता और पुरस्कार के मूल्य सिखाती है जो सफलता के लिए जोखिम लेने के इच्छुक लोगों का इंतजार करते हैं। अगर हम दृढ़ संकल्पित हों, तो हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।
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3.सुनहरी मछली
कहानी का परिचय
एक चमचमाती झील के झिलमिलाते पानी की गहराई में एक सुनहरी मछली रहती थी। मछली किसी भी इच्छा को पूरा करने की क्षमता रखती थी। लेकिन जब एक लालची मछुआरे ने उसे पकड़ लिया तो मछली ने क्या किया? जानने के लिए यह मनमोहक कहानी पढ़ें!
सुनहरी मछली | रोचक कहानियां
एक समय की बात है, एक चमचमाती झील के झिलमिलाते पानी की गहराई में एक सुनहरी मछली रहती थी। वह मछली किसी भी इच्छा को पूरा करने की क्षमता रखती थी। वह एक जादुई मछली थी, और उसके पास दुनिया में कुछ भी हासिल करने की शक्ति थी।
एक दिन, एक लालची मछुआरा मछली पकड़ने के लिए झील के किनारे गया। उसने अपना जाल डाला और जल्द ही एक बड़ी मछली को पकड़ लिया। मछली सुनहरी थी, और मछुआरे ने तुरंत महसूस किया कि वह कुछ खास थी ।
मछुआरे ने मछली को पकड़ा और उससे पूछा, “तुम कौन हो?”
मछली ने कहा, “मैं एक जादुई मछली हूँ। मैं तुम्हारी किसी भी इच्छा को पूरा कर सकती हूँ।”
मछुआरा बहुत खुश हुआ। उसने तुरंत कहा, “मैं अमीर बनना चाहता हूँ!”
मछली ने कहा, “तथास्तु।”
मछुआरे की इच्छा पूरी हुई, और वह अचानक एक अमीर आदमी बन गया। उसके पास बहुत सारा पैसा और संपत्ति आ गयी । लेकिन मछुआरा अभी भी संतुष्ट नहीं था। वह और भी ज्यादा अमीर बनना चाहता था।
उसने मछली से कहा, “मैं एक राजा बनना चाहता हूँ!”
मछली ने कहा, “तथास्तु।”
मछुआरे की इच्छा फिर से पूरी हुई, और वह एक राजा बन गया। उसके पास एक विशाल महल और एक बड़ी सेना थी। लेकिन मछुआरा अभी भी संतुष्ट नहीं था। वह और भी ज्यादा शक्तिशाली बनना चाहता था।
उसने मछली से कहा, “मैं एक देवता बनना चाहता हूँ!”
मछली ने कहा, “तुम बहुत लालची हो। एक देवता बनने की इच्छा पूरी करना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल है।”
लेकिन मछुआरा बहुत जिद्दी था। उसने मछली से कहा, “तुम मेरी इच्छा पूरी करो, नहीं तो मैं तुम्हें मार डालूँगा!”
मछली को डर गयी । उसने जानबूझकर मछुआरे की इच्छा पूरी कर दी। मछुआरे की इच्छा पूरी हुई, और वह एक देवता बन गया। देवता बनकर उसने लोगों को खूब परेशान किया। उसने जनता को इतना परेशान किया की कोई उसके साथ नहीं रहना चाहता था। धीरे धीरे सब उसे छोड़कर चले गए।
मछुआरे को अब सब कुछ मिल गया था जो वह चाहता था। लेकिन वह अभी भी खुश नहीं था। क्यों की अब वह अकेला पड़ गया था। वह अकेला और उदास महसूस करता था। एक दिन वह बहुत बीमार पड़ गया ,उसकी सेवा करने के लिए भी कोई नहीं था और न ही उसके शरीर की पीड़ा को बांटने वाला कोई नहीं था। अब उसे एहसास हुआ कि पैसा, शक्ति और प्रतिष्ठा ही खुशी और स्वास्थ्य नहीं ला सकते हैं।
मछुआरा ने मछली से कहा, “मैं अपनी गलती का अहसास कर चुका हूँ। मुझे माफ़ कर दो।” मछली ने कहा, “मैं तुम्हें माफ़ कर देती हूँ। लेकिन मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकती । तुम्हें अपने पापों का प्रायश्चित करना होगा।”
मछुआरे को पता था कि मछली सही कह रही है। उसने झील के किनारे अपना महल छोड़ दिया और एक साधू बन गया। उसने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में बिताया।
मछुआरे ने सीखा कि केवल संतुष्टि ही सच्चा सुख है। और संतुष्टि हमारे भीतर ही निहित है।
रोचक कहानियां से सीख
यह कहानी हमें सिखाती है कि केवल भौतिक धन ही स्थायी खुशी नहीं ला सकता है। सच्चा सुख संतुष्टि में निहित है। संतुष्टि पाने के लिए, हमें अपने अहंकार और लालच को दूर करना होगा। हमें दूसरों की सेवा करनी चाहिए और दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए।
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4.गाती हुई कोकिला
कहानी का परिचय
एक दूर के राज्य में, राजा को एक बुलबुल की चाहत थी जिसके मधुर गाने से उसे ख़ुशी मिलती। उसने अपने लोगों को दुनिया की सबसे उत्कृष्ट बुलबुल की तलाश में दूर-दूर तक भेजा। हालाँकि, जब अंततः उन्हें एक गाने वाली कोकिला मिली, यह कहानी हमें याद दिलाती है कि सच्ची सुंदरता फिजूलखर्ची या भव्यता में नहीं, बल्कि प्रकृति के चमत्कारों की सादगी में निहित है।
गाती हुई कोकिला | मजेदार स्टोरी इन हिंदी
एक समय की बात है, एक दूर के राज्य में एक राजा रहता था। वह एक बहुत ही धनी और शक्तिशाली राजा था। उसके पास दुनिया के सभी खजाने थे। लेकिन राजा एक चीज़ से खुश नहीं था। उसे एक बुलबुल की चाहत थी जिसके मधुर गाने से उसे ख़ुशी मिलती।
राजा ने अपने लोगों को दुनिया की सबसे उत्कृष्ट बुलबुल की तलाश में दूर-दूर तक भेजा। उसके लोग कई वर्षों तक खोजते रहे। उन्होंने दुनिया के सभी हिस्सों में यात्रा की और कई अलग-अलग तरह की बुलबुलें देखीं। लेकिन कोई भी बुलबुल राजा को पसंद नहीं आई।
एक दिन, राजा के लोग एक छोटे से जंगल में पहुंचे। जंगल के बीच में एक छोटा सा झरना था। झरने के पास एक पेड़ पर एक छोटी सी कोकिला बैठी थी। कोकिला का गीत इतना मधुर था कि राजा के लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
राजा के लोग तुरंत कोकिला को पकड़कर राजा के सामने ले आए। राजा कोकिले के गीत से बहुत खुश हुआ। वह कोकिला को अपने महल में ले आया और उसे एक सुनहरे पिंजरे में बंद कर दिया।
कोकिला को अपने पिंजरे में बंद रहना पसंद नहीं आया। वह अपने घर वापस जाना चाहती थी। वह हर दिन अपने गीत गाती थी और राजा से अपने घर जाने की अनुमति मांगती थी। लेकिन राजा उसे जाने नहीं देता था। कोकिला अब उदास रहने लगी थी। उसका गाना गाने का भी मन नहीं होता था। उसने गीत गाना भी बंद कर दिया था। उसकी ऐसी हालत देखकर राजा भी बहुत उदास हो गया।
एक दिन, राजा अपने महल के बगीचे में टहल रहा था। उसने कोकिला को भी बाग़ में लाने का आदेश दिया। उसने देखा कि कोकिला बाग़ में आकर अपने गीत गा रही है। राजा कोकिला का गाना सुनकर बहुत खुश हुआ। उसने कोकिला से पूछा, “तुम इतना सुंदर गाना कैसे गा सकती हो?”
कोकिला ने कहा, “मैं प्रकृति की सुंदरता से प्रेरित होकर गाती हूं। पेड़ों की हरी-भरी पत्तियों, फूलों की सुगंध और पक्षियों की चहचहाहट से मेरा मन प्रसन्न हो जाता है। यही वजह है कि मेरा गाना इतना मधुर है।”
राजा को कोकिला की बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा। उसने कोकिले को पिंजरे से मुक्त कर दिया और उसे जंगल में वापस भेज दिया। कोकिला बहुत खुश हुई और वह अपने घर वापस चली गई।
राजा को भी कोकिला की बातों से बहुत कुछ सीखने को मिला। उसे एहसास हुआ कि सच्ची सुंदरता फिजूलखर्ची या भव्यता में नहीं, बल्कि प्रकृति के चमत्कारों की सादगी में निहित है।
मजेदार स्टोरी इन हिंदी से सीख
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि सच्ची सुंदरता फिजूलखर्ची या भव्यता में नहीं, बल्कि प्रकृति के चमत्कारों की सादगी में निहित है। हमें प्रकृति की सुंदरता की सराहना करनी चाहिए और इसे संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए।
5. चालाक लोमड़ी और चतुर कौआ
कहानी का परिचय | छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां
एक बार की बात है, एक हरे-भरे जंगल में, एक चालाक लोमड़ी और एक चतुर कौवा लड़ाई में लगे हुए थे। लोमड़ी ने कौवे के पनीर के टुकड़े को चुराने की एक चालाक योजना बनाई, लेकिन कौवे की बुद्धि ने लोमड़ी के प्रयासों को विफल कर दिया। यह कहानी बुद्धि, बुद्धिमत्ता और सबसे चालाक विरोधियों को भी मात देने की क्षमता के मूल्य पर प्रकाश डालती है।
चालाक लोमड़ी और चतुर कौवा | छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां
एक बार की बात है, एक हरे-भरे जंगल में, एक चालाक लोमड़ी और एक चतुर कौवा रहते थे। लोमड़ी हमेशा कौवे के पनीर के टुकड़े को चुराने की कोशिश करती थी, लेकिन कौवा हमेशा उसकी चालों को समझ लेती थी।
एक दिन, लोमड़ी ने एक नई योजना बनाई। वह कौवे के पास गई और उसे बताया, “मैंने सुना है कि तुम्हारे पास एक बहुत ही स्वादिष्ट पनीर का टुकड़ा है। मैं तुम्हें इसके बदले एक सुंदर कंगन दे सकती हूं।”
कौवा को कंगन बहुत पसंद आया। उसने लोमड़ी से कहा, “ठीक है, मैं तुम्हें पनीर का टुकड़ा दे दूंगा । लेकिन तुम मुझे पहले कंगन दिखाओ।”
लोमड़ी ने कंगन निकाला और उसे कौवे को दिखाया। कौवा कंगन को देखकर बहुत खुश हुआ । उसने लोमड़ी से कहा, “यह तो बहुत ही सुंदर कंगन है। मैं इसे जरूर लेना चाहूंगा ।”
लोमड़ी ने कंगन कौवे को दे दिया। कौवा ने कंगन को पहन लिया और लोमड़ी से कहा, “अब तुम मुझे पनीर का टुकड़ा दो।”
लोमड़ी ने कौवे को पनीर का टुकड़ा देने के लिए अपना मुंह खोला। लेकिन जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, कौवे ने पनीर का टुकड़ा अपने पंजों में दबा लिया और उड़कर पेड़ पर चढ़ गया ।
लोमड़ी को बहुत गुस्सा आया। उसने कौवे से कहा, “तुमने मेरे साथ धोखा किया!”
कौवा ने कहा, “तुमने भी मेरे साथ धोखा करने की कोशिश की थी। मैं तुम्हारी चालों को समझ गया हूं।”
लोमड़ी ने कौवे को और कुछ नहीं कहा। वह वहां से चली गयी ।
कौवा पनीर का टुकड़ा खाकर खुशी से नाचने लगा । उसने कहा, “बुद्धि की शक्ति से किसी भी चालाक विरोधी को भी पराजित किया जा सकता है।”
छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां से सीख
यह कहानी बुद्धि, बुद्धिमत्ता और सबसे चालाक विरोधियों को भी मात देने की क्षमता के मूल्य पर प्रकाश डालती है। हमें हमेशा अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए और दूसरों की चालों से सावधान रहना चाहिए।
6. जादुई बीज
कहानी का परिचय
एक बंजर भूमि में, एक गरीब किसान को एक जादुई बीज मिला जिसमें उसकी इच्छानुसार कोई भी फल उगाने की शक्ति थी। उस किसान ने उस बीज का क्या किया ? इस कहानी को पढ़कर जानें। यह हृदयस्पर्शी कहानी हमें जीवन में दया और करुणा की शक्ति का महत्त्व सिखाती है।
जादुई बीज | जादुई मजेदार कहानियां
एक बार की बात है, एक बंजर भूमि में एक गरीब किसान रहता था। किसान का नाम राम था। वह बहुत ही मेहनती और दयालु था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था।
एक दिन, राम अपने खेत में काम कर रहा था। तभी उसे एक जादुई बीज मिला। बीज बहुत ही सुंदर और चमकीला था। राम ने कभी जादुई बीज नहीं देखा था। वह बहुत ही खुश हुआ। उसने सोचा कि यह बीज उसे बहुत ही भाग्यशाली बना देगा।
राम बीज को अपने घर ले आया और उसे एक बर्तन में मिट्टी और पानी में डाल दिया। बीज जल्द ही अंकुरित हो गया और एक छोटा सा पौधा बन गया। राम ने पौधे को बहुत ही प्यार से और ध्यान से पालन-पोषण किया।
कुछ ही महीनों में, पौधा एक बड़े और सुंदर पेड़ में बदल गया। पेड़ पर बहुत ही स्वादिष्ट और सुंदर फल लगे हुए थे। राम फल देखकर बहुत ही खुश हुआ। उसने सोचा कि वह इन फलों का उपयोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए करेगा।
राम ने उस जादुई बीज से अनेको पौधे लगवाए और उनके फलों को बेचने का काम शुरू कर दिया । वह जल्दी ही बहुत बड़ा फल विक्रेता बन गया। । राम बहुत ही खुश हुआ। उसने सोचा कि वह अब बहुत ही अमीर और शक्तिशाली हो जाएगा।
राम ने अपने जादुई बीज को अपने पास ही रखना शुरू कर दिया। वह किसी और को इसके बारे में नहीं बताता था। वह सोचता था कि यह बीज केवल उसका है। अब वह बहुत ही धनी बन चुका था।
एक दिन, राम जंगल में घूम रहा था। तभी उसे एक भूखा और प्यासा बच्चा रोता हुआ मिला। राम ने बच्चे को देखा और उसके पास गया। वह बच्चे को अपने घर ले आया और उसे खाना और पानी दिया।
बच्चे ने घर पहुंचकर राम के बारे में अपने माता-पिता को बताया। बच्चे के माता-पिता राम के पास आए और उसे धन्यवाद दिया। उन्होंने राम से कहा कि वह बहुत ही दयालु हैं।
राम ने बच्चे के माता-पिता की बातें सुनकर बहुत ही अच्छा महसूस किया। उसने सोचा कि वह अपने जादुई बीज का उपयोग दूसरों की मदद करने के लिए करेगा।
राम ने अपने जादुई बीज का उपयोग करके अपने गांव में एक बाग लगाया। बाग में बहुत ही स्वादिष्ट और सुंदर फल लगे हुए थे। राम ने इन फलों को जरूरतमंद लोगों के साथ साझा किया। गाँव की आर्थिक हालत भी अच्छी होने लगी।
राम के दयालु कार्य से गांव में खुशहाली फैल गई। लोग राम को बहुत ही प्यार करने लगे। राम को भी अपने कार्यों से बहुत ही खुशी मिलती थी।
एक दिन, राम एक ऋषि से मिला। ऋषि ने राम को कहा, “तुम एक महान व्यक्ति हो। तुमने अपने दयालु कार्यों से दुनिया को बदल दिया है।”
राम ऋषि की बातों से बहुत ही खुश हुआ। उसने सोचा कि वह अपने जीवन में हमेशा दूसरों की मदद करता रहेगा।
जादुई मजेदार कहानियां से सीख
यह कहानी हमें दया और करुणा की शक्ति सिखाती है। दया और करुणा से हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं। हमें हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
7. बात करने वाले पेड़
कहानी का परिचय
एक घने जंगल में, पेड़ों में एक दूसरे के साथ संवाद या बात करने की क्षमता थी। एक दिन, एक भयानक तूफान ने उनके अस्तित्व को खतरे में डाल दिया। अपनी एकता की शक्ति को महसूस करते हुए, पेड़ ऊँचे खड़े हो गए और एक अटूट बंधन बना लिया, जो एक दूसरे की रक्षा कर रहे थे। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि विपरीत परिस्थितियों में एकता और सहयोग जरूरी है और साथ मिलकर हम किसी भी चुनौती पर काबू पा सकते हैं।
बात करने वाले पेड़ | शिक्षाप्रद मजेदार कहानियां
एक बार की बात है, एक घने जंगल में, पेड़ों में एक दूसरे के साथ संवाद करने अर्थात बात करने की क्षमता थी। वे अपने विचारों और भावनाओं को एक दूसरे के साथ साझा कर सकते थे। पेड़ एक-दूसरे के साथ बहुत ही अच्छे दोस्त थे। वे एक साथ खेलते थे, एक साथ गाते थे, और एक साथ खुश होते थे।
एक दिन, एक भयानक तूफान आया। तूफान बहुत ही शक्तिशाली था। हवा बहुत तेज चल रही थी और बारिश बहुत जोर से हो रही थी। पेड़ तूफान से बहुत डर गए। उन्होंने एक-दूसरे से कहा, “हम तूफान से कैसे बचेंगे?”
एक बुद्धिमान पेड़ ने कहा, “हमें एकजुट होना होगा। अगर हम एक साथ खड़े रहेंगे, तो हम तूफान से बच सकते हैं।”
पेड़ों ने बुद्धिमान पेड़ की बात मानी। वे एक साथ खड़े हो गए और एक अटूट बंधन बना लिया। तूफान के प्रकोप ने पेड़ों को हिलाना शुरू कर दिया। लेकिन पेड़ एक दूसरे को कसकर पकड़ कर खड़े रहे।
तूफान बहुत देर तक चला। लेकिन अंत में, तूफान थक गया और चला गया। पेड़ों ने एक दूसरे को देखा और कहा, “हमने मिलकर तूफान को हराया है।”
पेड़ बहुत खुश हुए। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया और एकजुटता का जश्न मनाया।
शिक्षाप्रद मजेदार कहानियां से सीख
यह कहानी हमें एकता और सहयोग के महत्व की याद दिलाती है। जब हम एक साथ खड़े होते हैं, तो हम किसी भी चुनौती पर काबू पा सकते हैं।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आएगी।
8. इंद्रधनुषी जीवन
कहानी का परिचय
एक छोटे से कस्बे में लोग मोनोक्रोम घरों में रहते थे और अपने जीवन में जीवंत रंगों की चाहत रखते थे। रिया नाम की एक छोटी लड़की के पास एक जादुई ब्रश था जो छूने पर किसी भी चीज़ को रंग सकता था। उनकी रचनात्मकता से प्रेरित होकर, शहर के निवासियों ने अपने घरों को रंगों से चित्रित करके विविधता की सुंदरता को अपनाया। यह प्रेरक कहानी प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्टता के बारे में बताती है और हमें समानता और विविधता को अपनाने के महत्व की याद दिलाती है।
इंद्रधनुषी जीवन | मजेदार कहानियां
एक बार की बात है, एक छोटे से कस्बे में लोग मोनोक्रोम घरों में रहते थे। सभी घर सफेद, भूरे या काले रंग के थे। लोग अपने जीवन में जीवंत रंगों की चाहत रखते थे।
रिया नाम की एक छोटी लड़की के पास एक जादुई ब्रश था जो छूने पर किसी भी चीज़ को रंग सकता था। रिया बहुत ही रचनात्मक थी। वह अपने ब्रश से अपने घर को विभिन्न रंगों से रंगती थी। वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ खेलती थी और उनके कपड़ों और खिलौनों को भी रंग देती थी।
एक दिन, रिया अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी एक बुजुर्ग महिला ने उसे देखा। बुजुर्ग महिला ने रिया के ब्रश को देखा और उससे पूछा, “यह क्या है?”
रिया ने कहा, “यह एक जादुई ब्रश है। यह किसी भी चीज़ को रंग सकता है।”
बुजुर्ग महिला को रिया का ब्रश बहुत ही अच्छा लगा। उसने रिया से कहा, “क्या तुम मेरे घर को भी रंग सकती हो?”
रिया ने “हाँ” कहा। वह उस महिला के घर गयी और उसने बुजुर्ग महिला के घर को विभिन्न रंगों से रंग दिया। बुजुर्ग महिला बहुत खुश हुई। उसने रिया को धन्यवाद दिया।
रिया ने अपने ब्रश से कस्बे के कई घरों को रंग दिया। जल्द ही, कस्बे में सभी घर रंगीन हो गए। कस्बे का नया रूप बहुत ही सुंदर था।
कस्बे के लोग रिया की रचनात्मकता से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने फैसला किया कि वे अपने जीवन में विविधता की सुंदरता को अपनाएंगे। उन्होंने अपने घरों को विभिन्न रंगों से रंगना शुरू कर दिया।
कस्बे में जल्द ही एक नया माहौल बन गया। लोग एक-दूसरे से अधिक घुलने मिलने लगे। वे एक-दूसरे की विविधता का सम्मान करने लगे।
एक दिन, कस्बे में एक त्योहार मनाया जा रहा था। त्योहार के लिए, सभी लोगों ने अपने घरों को विशेष रूप से सजाया था। त्योहार बहुत ही सुंदर था। सभी लोग बहुत खुश थे।
रिया ने भी त्योहार के लिए अपने घर को सजाया था। उसने अपने घर को इंद्रधनुष के रंगों से रंगा था। रिया का घर त्योहार में सबसे सुंदर घर था।
रिया के घर को देखकर सभी लोग बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा, “रिया के घर में इंद्रधनुष की तरह रंग हैं। यह घर विविधता की सुंदरता का प्रतीक है।”
रिया बहुत खुश हुई। उसने सोचा कि वह अपने जादुई ब्रश का उपयोग करके दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकती है।
मजेदार कहानियां से सीख
यह कहानी हमें रंगो की विविधता को अपनाने के महत्व की याद दिलाती है। प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्टता है और हमें एक-दूसरे की विविधता का सम्मान करना चाहिए।
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9. खोया हुआ कम्पास
कहानी का परिचय
अर्जुन नाम का एक बहादुर युवा खोजकर्ता एक खोए हुए खजाने को खोजने के लिए एक खतरनाक अभियान पर निकला। अपनी यात्रा के दौरान, उसका कंपास खो गया, जिससे वह दिशाहीन हो गया। कम्पास के बिना, उसके पास अपने घर का रास्ता खोजने के लिए अपनी प्रवृत्ति और आंतरिक शक्ति पर भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यह मनोरंजक कहानी लचीलेपन और आत्म-विश्वास की शक्ति को उजागर करती है, हमें दिखाती है कि कभी-कभी, हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारे भीतर ही निहित होती है।
खोया हुआ कम्पास | Majedar kahani
एक बार की बात है, एक बहादुर युवा खोजकर्ता अर्जुन था। वह एक खोए हुए खजाने की खोज में एक खतरनाक अभियान पर निकला था। अर्जुन एक कुशल खोजकर्ता था, और वह अपने कौशल पर भरोसा करता था।
अपनी यात्रा के दौरान, अर्जुन एक जंगल से गुज़रा। जंगल घना और अंधेरा था, और अर्जुन को रास्ता खोजने में मुश्किल हो रही थी। तभी, अँधेरे में पेड़ से उसका हाथ टकराया और उसका कंपास खो गया।
अर्जुन बहुत परेशान हुआ। उसे पता था कि बिना कम्पास के, वह अपने घर का रास्ता खोजने में असमर्थ होगा। उसने सोचा कि वह क्या करेगा।
अर्जुन ने अपने दिमाग में सोचा। उसने याद किया कि उसने एक बार एक बुजुर्ग व्यक्ति से एक कहानी सुनी थी। कहानी एक खोजकर्ता के बारे में थी जो अपने कंपास को खो देता है। खोजकर्ता को अपने घर का रास्ता खोजने के लिए अपनी प्रवृत्ति और आंतरिक शक्ति पर भरोसा करना पड़ता है।
अर्जुन ने फैसला किया कि वह उस बुजुर्ग व्यक्ति की कहानी का पालन करेगा। अर्जुन जंगल में आगे बढ़ा। वह पेड़ों और झाड़ियों के बीच अपना रास्ता खोजने की कोशिश कर रहा था। वह थक गया था और भूखा था, लेकिन उसने हार नहीं मानी ।
आखिरकार, अर्जुन को एक नदी दिखाई दी। वह नदी के किनारे बैठ गया और वहां आराम किया। उसने नदी के पानी को देखा ।
अर्जुन ने महसूस किया कि वह अपने भीतर एक ताकत महसूस कर रहा है। वह महसूस कर रहा था कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।
अर्जुन नदी से बाहर निकला और अपनी यात्रा जारी रखी। वह जंगल से बाहर निकल गया और एक खुले मैदान में आ गया। मैदान में एक छोटा सा गांव था।
अर्जुन गांव में गया और एक बुजुर्ग व्यक्ति से मिला। उसने बुजुर्ग व्यक्ति को अपनी कहानी सुनाई।
बुजुर्ग व्यक्ति ने अर्जुन को कहा, “तुमने बहुत अच्छा किया। जो तुमने खुद पर भरोसा किया। यही जीत की कुंजी है।”
अर्जुन बुजुर्ग व्यक्ति से मिलकर बहुत खुश हुआ। उसने महसूस किया कि उसने कुछ महत्वपूर्ण सीखा है।
अर्जुन गांव में रुका और कुछ दिन आराम किया। फिर, वह अपने घर के लिए निकल पड़ा।
अर्जुन अपनी यात्रा के बाकी हिस्सों को आसानी से पूरा कर पाया। वह अपने घर वापस आ गया और अपने परिवार और दोस्तों से मिला।
अर्जुन ने अपनी कहानी सभी को सुनाई। उसने उन्हें बताया कि कैसे उसने अपने भीतर की ताकत को खोजा।
Majedar Kahani से सीख
अर्जुन की कहानी हमें सिखाती है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा खुद पर भरोसा करना चाहिए। यही जीत की कुंजी है।
10. हथिनी और चींटी | रोचक कहानी
एक बार की बात है, एक जंगल में एक हथिनी और एक चींटी रहते थे। हथिनी का नाम मालती था और चींटी का नाम टिंक था। मालती बहुत ही दयालु और मददगार हथिनी थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी। टिंक भी एक बहुत ही मेहनती और बुद्धिमान चींटी थी। वह हमेशा नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहती थी।
एक दिन, मालती जंगल में घूम रही थी। तभी, उसे एक छोटी सी चींटी दिखाई दी। चींटी एक बड़े पत्ते को अपने सिर पर ढो रही थी। पत्ता बहुत भारी था, और चींटी उसे मुश्किल से उठा पा रही थी।
मालती ने चींटी को देखा और उसे मदद करने का फैसला किया। उसने चींटी से पूछा, “क्या मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ?”
चींटी ने कहा, “जरूर, आप मेरी मदद कर सकती हैं। यह पत्ता बहुत भारी है, और मैं इसे अकेले नहीं उठा पा रही हूँ।”
मालती ने चींटी के पास जाकर पत्ते को अपनी सूंड से उठा लिया। चींटी ने भी मालती की मदद की, और वे दोनों मिलकर पत्ते को अपने घर तक ले गए।
चींटी मालती की मदद से पत्ते को अपने घर ले जाने में सफल रही। चींटी बहुत खुश थी। उसने मालती को धन्यवाद दिया और कहा, “आप बहुत दयालु हैं। आपने मेरी बहुत मदद की है।”
मालती ने कहा, “कोई बात नहीं। मैं हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती हूँ।”
मालती और चींटी की दोस्ती हो गई। वे दोनों अक्सर एक-दूसरे से मिलने आते थे। वे एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते थे।
एक दिन, एक भयानक तूफान आया। तूफान इतना भयानक था कि पेड़ उखड़ गए और घर गिर गए। चींटियों का घर भी तूफान में नष्ट हो गया।
चींटियाँ बहुत परेशान थीं। वे नहीं जानते थे कि वे क्या करें?
तभी, मालती ने चींटियों की मदद करने का फैसला किया। उसने चींटियों से कहा, “चिंता मत करो, मैं तुम्हारी मदद करूँगी।”
मालती ने चींटियों को अपने अपने सूंड में उठा लिया और अपने कान में छुपा लिया। वह चींटियों को एक सुरक्षित जगह पर ले गई।
मालती की मदद से चींटियाँ सुरक्षित बच गईं। चींटियाँ मालती की मदद के लिए बहुत आभारी थीं। उन्होंने मालती को धन्यवाद दिया और कहा, “आप एक सच्ची दोस्त हैं। आपने हमारी जान बचाई है।”
मालती ने कहा, “कोई बात नहीं। मैं हमेशा तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार रहूँगी।”
मालती और चींटियों की दोस्ती हमेशा के लिए बन गई। वे दोनों एक-दूसरे के लिए हमेशा खड़े रहे।
रोचक कहानी से सीख
यह कहानी हमें दोस्ती और सहयोग के महत्व की याद दिलाती है। दोस्ती में हमेशा एक-दूसरे की मदद करना चाहिए। सहयोग से हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
10 Majedar Kahaniya निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि आपको यह 10 Majedar kahaniya पसंद आयी होंगी ।
जिन कहानियों से हमारा सामना होता है उनमें हमारे जीवन को बदलने और हमारे दृष्टिकोण को आकार देने की शक्ति होती है। इसलिए ऐसी कहानियां खासकर बच्चों के नैतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। याद रखें, कहानियों में हमारी कल्पना को ठीक करने, सिखाने और प्रज्वलित करने की शक्ति होती है। ऐसी कहानिया मेरे इस ब्लॉग पर आती रहती है। यहां आकर इन कहानियों का आनंद ले। इस ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद् !
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