आज मैं आपको एक Best Inspirational Story सुनाने वाली हूँ जिस Inspirational Story in Hindi में आपको जीवन की तीन ऐसी शिक्षाएं मिलेंगी जिससे आप जीवन की किसी भी मुश्किल परिस्थिति में आसानी से खरे उतरेंगे। यदि आप इन तीनो बातों को अपने जीवन में अपना लेते हैं तो आपका जीवन सरल और सुखमय हो जायेगा।
जीवन की तीन महत्वपूर्ण बातें जो सफल होने के लिए आपको जरूर अपनानी चाहिए | Inspirational Story in Hindi
Inspirational Story in Hindi for success in life
यह कहानी है दक्षिण भारत के एक राजा की। जिनके तीन पुत्र थे। तीनों पुत्र हर चीज में एक समान थे | समान बुद्धि,समान साहस, समान क्षमता | तीनों ही इतने सक्षम थे कि कभी समय आने पर किसी को भी राजा बनाया जा सकता था। परन्तु राजा यह चाहते थे कि तीनों में से भी जिसे भी राजा बनाया जाय, समय आने पर वे सही फैसला ले सकें । इसके लिए राजा ने तीनों के लिए एक योजना बनाई जिससे यह पता लगाया जा सके कि तीनों की क्षमता क्या है ? क्या वे सही फैसला लेने में सक्षम है ?
राजा ने अगले दिन तीनों राजकुमारों को दरबार में बुलाया। तीनों दरबार में पेश हुए। राजा ने तीनों को एक चुनौती दी | जिसे समझाते हुए राजा ने राजकुमारो से कहा कि आप तीनों को चार-चार महीनों के अन्तराल पर एक पेड़ को ढूंढने जाना है। वह पेड़ हमारे राज्य मे उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए आपको उसे ढूंढ़ने दूसरे राज्य में जाना होगा। ,जब आप उस पेड़ को ढूंढ़ लो तो आपको आकर उस पेड़ के बारे में बताना है कि वह कैसा दिखता है? उसकी क्या विशेषताएँ हैं? यह सब सुनकर बड़े राजकुमार ने कहा,कि पिता जी परन्तु यह तो बताइये कि आप किस पेड़ के बारे में बात कर रहे हैं ?
तब राजा ने कहा कि आपको जामुन का पेड़ ढूंढ़ना है। अब आप जाइये। राजा का आदेश सुनकर सबसे पहले बड़ा राजकुमार पेड़ ढूंढ़ने निकला | वह दूसरे राज्य में पेड़ ढूंढ़ने गया । उसे वह पेड़ पड़ोंस के ही एक राज्य में मिल गया। वह उस पेड़ को देखकर वापस लौट आया। जब वह वापस आया तो उसने राजा से कहा कि पिताजी मुझे वह पेड़ पास के ही राज्य में मिल गया था। वहाँ के लोगों ने बताया कि वही पेड़ जामुन का था। क्या मैं आपको उसके बारे में बताऊँ ?
राजा ने कि अभी नहीं, बाद में बताना। अब दूसरे राजकुमार की बारी थी। अब वह पेड़ ढूंढ़ने निकला। उसे भी वह पेड़ पास के ही राज्य मे मिल गया। वह भी उस पेड़ को देखकर वापस आ गया। इसी प्रकार अन्त में सबसे छोटा राजकुमार गया और वह भी उस पेड़ को देखकर वापस लौट आया। जब तीनों राजकुमार वापस आ गये।
तब राजा ने तीनों को दरबार मे बुलाया और कहा कि वे पेड़ के बारे में बारी- बारी से बताये। सबसे पहले बड़े राजकुमार ने बोलना शुरू किया। वह बोला कि पिताजी वो पेड़ तो एकदम सूखा सा था ,पत्तियाँ भी पीली पढ़ चुकी थीं। एकदम बेकार दिख रहा था। वह तो किसी काम का नहीं था। फिर आपने ऐसे पेड़ को ढूंढने के लिए हमें क्यों भेजा ? तभी अचानक बीच में मंझला यानि बीच वाला राजकुमार बोल पड़ा। वह बोला कि भैया आप ऐसा कैसे कह सकते हैं ? मैंने भी तो वही
पेड़ देखा था , पर वह तो हरा भरा था। उस पर बहुत सारी हरी- हरी पत्तियां थीं और वह बहुत सुन्दर दिख रहा था। बस उसमें एक कमी थी कि उसमे फल नहीं थे। तभी यह सब सुनकर सबसे छोटा राजकमार बोला कि पिताजी मैने जो पेड़ देखा था वह तो हरा भरा होने के साथ-साथ फलों से लदा हुआ था। वहाँ के किसानों ने मुझे उसके बारे में सब कुछ बताया था। उस पर बहुत स्वादिष्ट फल लगे थे। मैंने तो वहां के किसानो से लेकर उसका फल खाया भी था।
यह सब देखकर दरबार में सब लोग यह सोचने लगे कि राजा साहब अपने तीनों बेटों को लड़वा क्यों रहे हैं ? दरबार में कानाफूसी शुरू हो गयी। तभी राजा अपने सिंहासन से खड़े हो गये और बोले कि आप तीनों
राजकुमारों को झगड़ने की जरूरत नहीं है। आप तीनों ने एकदम सही पेड़ को ढूंढा है लेकिन चूंकि आप अलग-अलग ऋतू में 4-4 महीनों के अन्तराल पर गये थे। इसलिए आपने एक ही पेड़ को अलग – 2 दशाओं में देखा है। यह सब सुनकर तीनों राजकुमार चुप हो गये। दरबार में भी शांति हो चुकी थी।
राजा ने राजकुमारों से कहा कि मैं आप तीनों को तीन बातें सिखाना चाहता था। ये बातें आपके जीवन को शानदार बना देगी। इसलिए ही आपको मैने पड़ोसी राज्य मे भेजा था।
राजकुमार एक साथ बोले कि पिताजी आप क्या समझाना चाहते थे ? वे कौन सी महत्वपूर्ण बाते हैं ?
राजा ने बताया कि आप तीनों ने पेड़ को अलग अलग समय पर देखा । आप तीनों के उस अलग -अलग समय को ध्यान में रखा जाय तो इससे तीन बातें सीखने को मिलती है।
inspirational story in hindi से सीख :
पहली तो यह कि किसी भी चीज के बारे में तब तक निष्कर्ष पर न पहुँचे , जब तक कि आप उसके बारे में हर चीज न जान लें । चाहे वह कोई व्यक्ति हो, वस्तु हो कोई परिस्थिति हो, या आपके ही परिवार का कोई सदस्य, या कोई मित्र । वह कोई भी हो सकता है। क्योंकि आपको उसके बारे में अधूरा ज्ञान होगा तो आपके फैसले गलत होने की संभावना अधिक होगी।
दूसरी शिक्षा यह है कि जीवन में कभी भी किसी को जज न करें,क्योंकि क्या पता उस वक्त जब आप उससे मिलें। उसका समय ख़राब चल रहा हो ।
जैसे कि बड़े राजकुमार ने उस पेड़ को सूखा देखा , ‘दूसरे ने हरा भरा और तीसरे ने फलों से लदा हुआ देखा।” आपने उस पेड़ की प्रत्येक दशा को न देखकर ही निष्कर्ष निकाल लिया । वक्त तो कभी भी किसी का अच्छा या बुरा हो सकता है।
और तीसरी सबसे जरूरी शिक्षा यह है कि जीवन में किसी का भी समय एक जैसा नहीं रहता हैं, वह बदलता रहता है । वही पेड़ पतझड़ में सूख जाता है और बारिश आने पर हरा भरा हो जाता है। सुख-दुख के इस चक्र को ही जीवन कहते हैं।
इसलिए यदि आज आपका समय अच्छा है, तो जरूरी नहीं कि यह सदा एक जैसा ही रहेगा। इसलिए कभी भी
अपने समय पर घमण्ड नहीं करना चाहिए। और किसी का समय यदि खराब है तो उसका उपहास नहीं उड़ाना चाहिए।
यह सब सुनकर तीनों राजकुमारों ने राजा को जीवन की इस सीख के लिये धन्यवाद दिया।
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