PRERAK KAHANI | प्रेरक कहानी परिचय
पहाड़ीपुर जंगल की मनमोहक दुनिया में एक छोटी-सी गौरैया की PRERAK KAHANI कहानी है, जो अपनी मधुर आवाज और जादुई वरदान के कारण सबके दिलों में बस गई। यह कहानी बच्चों और बड़ों दोनों के लिए एक प्रेरणादायक सबक है, जो हमें सिखाती है कि बड़ों की सलाह मानना और सतर्क रहना कितना जरूरी है। आइए, इस रोचक PRERAK KAHANI कहानी में डूब जाएँ और जानें कि कैसे चहक गौरैया ने अपनी बुद्धिमानी से मुसीबतों को हराया।
चहक की मधुर आवाज | PRERAK KAHANI | प्रेरक कहानी
PRERAK KAHANI ढोलकपुर के हरे-भरे जंगल में एक छोटी-सी गौरैया रहती थी, जिसका नाम था चहक। चहक की आवाज इतनी मधुर थी कि जंगल के सारे जानवर—खरगोश, हिरण, और यहाँ तक कि भालू भी—उसका गाना सुनने के लिए पेड़ों के नीचे जमा हो जाते। वह गाती, “चहक-चहक, मैं हूँ गौरैया छोटी, गाती हूँ गीत सुहाने, सुनने को तुम भी आो न!” उसकी आवाज हवा में तैरती और दूर-दूर तक फैल जाती, जिससे जंगल में एक जादुई माहौल बन जाता।
रहस्यमयी साधु का वरदान
एक दिन, जब चहक अपने पसंदीदा नीम के पेड़ पर गाना गा रही थी, एक रहस्यमयी साधु जंगल में आया। साधु ने चहक की मधुर आवाज सुनी और मुस्कुराते हुए बोला, “वाह, चहक! तुम्हारी आवाज तो मोतियों से भी कीमती है। मैं तुम्हें एक जादुई वरदान देता हूँ।” उसने अपनी छड़ी हवा में लहराई और कहा, “अब से जब भी तुम गाना गाओगी, तुम्हारे पंखों से एक सुनहरी पंखुड़ी गिरेगी, जो जमीन पर गिरते ही सोने में बदल जाएगी। लेकिन सावधान! कभी भी उन लोगों के सामने गाना मत गाना, जो तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहते हैं।” चहक खुशी से फूली न समाई और उसने तुरंत गाना शुरू किया। जैसे ही वह गाई, उसके पंखों से एक चमकीली पंखुड़ी गिरी, जो सोने की डली में बदल गई।

लालची लोमड़ी की चाल | EK PRERAK KAHANI
उसी समय, एक चालाक लोमड़ी, ललिता, वहाँ से गुजर रही थी। उसने सोने की डली देखी और उसकी आँखें लालच से चमक उठीं। उसने चहक से कहा, “वाह, चहक! तुम्हारा गाना तो जादुई है। और गाओ न!” लेकिन चहक ने साधु की सलाह याद रखी और ललिता की चालाकी भाँप ली। उसने एक भी सुर नहीं छेड़ा। ललिता ने बहुत जोर दिया, लेकिन निराश होकर उसे वहाँ से जाना पड़ा। यह घटना चहक के लिए एक सबक थी कि उसे हमेशा सतर्क रहना होगा।
शिकारी का जाल
अगले दिन, चहक फिर से अपने नीम के पेड़ पर गाना गा रही थी। इस बार एक शिकारी, बंसी, वहाँ आया और उसका गाना सुनने लगा। चहक के गाने के साथ एक और सुनहरी पंखुड़ी गिरी, जो सोने में बदल गई। बंसी की आँखें आश्चर्य से फैल गईं। उसने सोचा, “अगर मैं इस गौरैया को पकड़ लूँ, तो मैं दुनिया का सबसे अमीर आदमी बन जाऊँगा!” चहक गाने में इतनी मगन थी कि उसे शिकारी का खतरा नजर नहीं आया। बंसी ने चुपके से अपना जाल फेंका और चहक को पकड़ लिया। जाल में फँसते ही चहक घबरा गई और बोली, “अरे, ये मैंने क्या कर लिया! साधु जी ने तो मना किया था, और मैं लापरवाह हो गई!”
राजा के महल में चहक की चतुराई
बंसी चहक को लेकर राजा के महल पहुँचा और सारी कहानी सुनाई। उसने कहा, “महाराज, यह गौरैया सोने की पंखुड़ियाँ गिराती है। इसे रख लीजिए, आपका खजाना भर जाएगा!” राजा उत्सुक हो गया और बोला, “सच में? दिखाओ!” बंसी ने चहक से गाना गाने को कहा, लेकिन चहक ने साधु की सलाह याद रखी और चुप रही। बंसी ने बार-बार कोशिश की, लेकिन चहक टस से मस न हुई। तभी राजा का चतुर मंत्री, विदुर, वहाँ आया। उसने शिकारी पर शक किया और बोला, “महाराज, यह शिकारी झूठ बोल रहा है। भला कोई चिड़िया सोना कैसे दे सकती है?” राजा ने बंसी को सजा की धमकी दी।
चहक का पलायन और सबक
चहक ने मौके का फायदा उठाया। उसने धीरे से जाल में अपनी चोंच डाली और उसे काटना शुरू किया। जैसे ही जाल में छोटा-सा छेद हुआ, चहक ने पूरी ताकत से गाना शुरू किया, “चहक-चहक, मैं हूँ गौरैया छोटी, गाती हूँ गीत सुहाने!” एक सुनहरी पंखुड़ी गिरी, जो सोने में बदल गई। सारे दरबारी हैरान रह गए। तभी चहक जाल के छेद से निकलकर उड़ गई और ढोलकपुर जंगल की ओर भाग निकली। राजा ने सिपाहियों को उसे पकड़ने का आदेश दिया, लेकिन चहक अब बहुत सावधान थी। वह जंगल के सबसे घने पेड़ पर जा बैठी और बोली, “अब मैं कभी लापरवाही नहीं करूँगी। साधु जी की बात हमेशा याद रखूँगी।”
PRERAK KAHANI से निष्कर्ष
चहक की यह PRERAK KAHANI कहानी हमें सिखाती है कि बड़ों की सलाह और सतर्कता हमें मुसीबतों से बचा सकती है। लालच में आकर जल्दबाजी करने से नुकसान हो सकता है, लेकिन बुद्धिमानी और धैर्य से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। जंगल के सारे जानवरों ने चहक की हिम्मत की तारीफ की, और उसका गाना फिर से जंगल में गूँजने लगा।
PRERAK KAHANI नैतिक शिक्षा: हमें हमेशा बड़ों की सलाह माननी चाहिए और अपने आस-पास के खतरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। लालच में आकर जल्दबाजी करने से नुकसान हो सकता है।
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