बचपन की कहानियाँ सिर्फ मज़ेदार ही नहीं होतीं, बल्कि हमारे दिल और दिमाग में ऐसी छाप छोड़ जाती हैं जो ज़िंदगी भर साथ रहती हैं। आज की lalchi doodhwala moral story for kids in hindi “लालची दूधवाला” – ऐसी ही एक प्रेरक कथा है, जो बताती है कि लालच की गलती इंसान को कितना बड़ा नुकसान पहुँचा सकती है, और ईमानदारी कैसे हर मुश्किल को आसान बना देती है।

गाँव और लालची दूधवाला | Lalachi Doodhwala Moral Story for Kids in Hindi
एक छोटे से शांत गाँव में मानीलाल नाम का एक दूधवाला रहता था।
मेहनती था, समय का पाबंद था… लेकिन एक आदत उसकी गलत थी—
वह थोड़ा-सा लालची था।
हर सुबह वह दो बड़ी बाल्टियों में दूध लेकर बाज़ार जाता और बेचकर पैसे कमाता।
रास्ते भर उसके मन में एक ही विचार चलता—
“अगर रोज़ इतना दूध बेचूँ, तो जल्दी ही अमीर हो जाऊँगा!”

दूध बेचते वक्त उसका लालच भी जाग उठता।
वह थोड़ी-सी पानी मिलाकर दूध ‘ज्यादा’ बना लेता था, ताकि ‘कम’ दूध में भी ‘ज़्यादा’ पैसे मिल जाएँ।
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गाँव वाले उसे भरोसे से दूध खरीदते, लेकिन उन्हें क्या पता…
मानीलाल चालाकी कर रहा था।
एक दिन उसके मन में बड़ा विचार आया—
“अगर थोड़ा पानी मिलाऊँ तो थोड़ा फायदा…
अगर ज़्यादा मिलाऊँ, तो और ज़्यादा फायदा!”
उसने बाल्टी में खूब पानी मिला दिया।
अब दूध इतना पतला हो गया कि देखकर ही समझ आता था कि उसमें मिलावट हुई है।
लेकिन लालच ने उसकी सोच पर पर्दा डाल दिया था।
रास्ते में दूध को बाज़ार ले जाते हुए वह सपनों में खो गया—
- “इस महीने पैसे बचाकर बकरी खरीदूँगा…”
- “फिर उसके बच्चों से और दूध मिलेगा…”
- “फिर गाय… फिर भैंस…”
- “पूरे गाँव का सबसे अमीर आदमी बन जाऊँगा!”
हँसते हुए बोला—
“वाह मानी! तू तो राजा बन जाएगा!”
सपनों में खोया वह आगे बढ़ता रहा
और सामने के रास्ते को उसने बिल्कुल नहीं देखा।
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लालच का पहला झटका | लालची दूधवाला | Lalachi Doodhwala Moral Story for Kids in Hindi
रास्ते में एक बड़ा पत्थर था, लेकिन मानीलाल ध्यान कहाँ दे रहा था? धड़ाम!! उसका पैर पत्थर से टकराया और दोनों बाल्टियाँ हवा में उछल गईं।
दूध… छपाक! सबका सब ज़मीन पर फैल गया। मानीलाल रोने लगा—

“मेरे पैसे! मेरी बकरी! मेरी गाय! मेरे सारे सपने!”
गाँव वाले उसे गिरा हुआ देखकर वहाँ इकट्ठे हो गए और हँसकर बोले—
“मानी! सपने देखना गलत नहीं,
पर लालच हमेशा नुकसान करता है।”
“जिस दूध में तुमने पानी मिलाया था,
उसी ने तुम्हारी बाल्टी खाली कर दी!”
मानीलाल को अपनी गलती समझ में आ गई।
मानीलाल का बदलना | लालची दूधवाला | Lalachi Doodhwala Story

अगले दिन से मानीलाल ने एक वादा किया , अब कभी मिलावट नहीं करूँगा।
उसने शुद्ध दूध बेचना शुरू किया।
शुरू में तो उसे डर था कि पैसे कम मिलेंगे,
लेकिन गाँव वालों को जब पता चला कि उसका दूध सबसे अच्छा है , सब उसके पास ही आने लगे, यह कहते हुए—
“मानीलाल का दूध सबसे बढ़िया है,
वह कभी मिलावट नहीं करता!”
धीरे-धीरे उसकी कमाई बढ़ी।
उसने बकरी खरीदी, फिर गाय…
और एक दिन वह सचमुच अमीर बन गया।

इस बार लालच से नहीं,
बल्कि ईमानदारी और मेहनत से।
लालची दूधवाला | Lalachi Doodhwala Moral Story for Kids in Hindi कहानी से सीख (Moral of the Story)

- लालच हमेशा नुकसान पहुँचाता है।
- ईमानदारी से कमाया हुआ धन सबसे मीठा होता है।
- सपने देखो, पर मेहनत और सच्चाई से पूरा करो।
आशा करती हूँ की आपको कहानी पसंद आयी होगी। ऐसी ही अधिक Moral Story for Kids in Hindi कहानियां पढ़ने के लिए वेबसाइट पर आते रहें। धन्यवाद् !
लालची दूधवाले की कहानी क्या है?
एक छोटे से शांत गाँव में मानीलाल नाम का एक दूधवाला रहता था।
मेहनती था, समय का पाबंद था… लेकिन एक आदत उसकी गलत थी—
वह थोड़ा-सा लालची था।
हर सुबह वह दो बड़ी बाल्टियों में दूध लेकर बाज़ार जाता और बेचकर पैसे कमाता।
रास्ते भर उसके मन में एक ही विचार चलता—
“अगर रोज़ इतना दूध बेचूँ, तो जल्दी ही अमीर हो जाऊँगा!”




